छात्रों से अत्यधिक शुल्क लेने से निपटने का बना तंत्र: स्मृति
तिलक
14 मार्च 16 न दि
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों से अत्यधिक शुल्क वसूलने और इससे जुड़े मुद्दों से निपटने के तंत्र को व्यवस्थित किया गया है। साथ ही समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को सस्ती शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से वृहद 'मुक्त आनलाइन कोर्स' आधारित मंच के द्वारा ‘स्वयं’ पहल की जायेगी। लोकसभा में बूरा नरसैया गौड़ के पूरक प्रश्नों के उत्तर में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि स्ववित्त पोषण शिक्षण संस्थानों द्वारा मनमाना शुल्क वसूल किए जाने के मुद्दे पर एआईसीटीई विचार करती है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ग के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में कई सीटें खाली रह जाने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इनके पाठ्यक्रम उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आगामी सत्र से एक नया वृहद मुक्त आनलाइन कोर्स आधारित पोर्टल ‘स्वयं’ आरंभ कर रही है। यह कार्यक्रम मोबाइल फोन आधारित होगा, जिसके तहत 500 पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले प्रमाणपत्रों और डिप्लोमा को संबंधित शिक्षण संस्थानों द्वारा मान्यता दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि स्वयं आरम्भ करने के पीछे मुख्य लक्ष यह है कि देश के सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा सके।
स्मृति ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों से अत्यधिक शुल्क वसूलने और इससे जुड़े मुद्दों से निपटने हेतु पहले से उपलब्ध तंत्र को और व्यवस्थित किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक शिक्षण संस्थाओं द्वारा शुल्क वसूलने का प्रश्न है, इस बारे में यूजीसी नियमन 2010 लागू है। अधिकांश राज्य शुल्क निर्धारण के लिए अधिकार सम्पन्न हैं, ताकि कोई छात्रों से अधिक शुल्क न वसूल सके। मंत्री ने कहा कि सरकार ने अपने केंद्र से परिचय हेतु ‘नो योर कालेज पोर्टल’ भी आरम्भ किया है, जिसमें कालेजों को सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने को कहा गया है। इसमें कालेजों को अकादमिक शिक्षकों की जानकारी, पाठ्यक्रमों की जानकारी, शुल्क ढांचा, प्रयोगशाला की जानकारी सभी बातें सार्वजनिक करने को कहा गया है।
हमें, यह मैकाले की नहीं, विश्वगुरु की शिक्षा चाहिए।
आओ, जड़ों से जुड़ें, मिलकर भविष्य उज्जवल बनायें।।- तिलक
No comments:
Post a Comment